बॉलीवुड अभिनेता अरशद वारसी को फिल्म इंडस्ट्री में बेहतरीन कॉमिक टाइमिंग के लिए जाना जाता है । मगर यह बात बहुत ही कम लोग जानते है कि वो फिल्मों में आने से पहले सेल्समैन का काम किया करते थे । हालांकि इसका कारण कमजोर आर्थिक स्थिति थी । दरअसल 14 साल की उम्र में मां बाप गुजर जाने के बाद पैसों की तंगी की वजह से सिर्फ 17 साल की उम्र में सेल्समैन का काम शुरू कर दिया। घर-घर जाकर कॉस्मेटिक्स बेचने लगे थे । अभिनेता अरशद वारसी को साल 2003 में आई फिल्म “मुन्ना भाई एमबीबीएस” से पहचान मिली लेकिन हिंदी सिनेमा में उनका सफर सालों पहले शुरू हुआ था । अपनी कॉमेडी से हंसाने वाले, गंभीर फिल्मों में गजब की अदाकारी से सबको हैरान कर दिया था । इसके बाद अरशद ने फोटो लैब में भी काम किया और फिर कुछ समय बाद डांसिंग ग्रुप ज्वाइन कर लिया था ।
19 अप्रैल साल 1968 में मुंबई में जन्मे अभिनेता अरशद वारसी को आज कौन नहीं जानता है । हालांकि अभिनेता अरशद वारसी को इस मुकाम तक पहुंचने के लिए बहुत संघर्ष करना पड़ा है । बता दे की पहली फिल्म फ्लॉप होने के बाद अभिनेता अरशद वारसी को 3 साल में रोजगार रहना पड़ा था । हालात ऐसे हो गए थे कि उनके घर का खर्च उनकी पत्नी के कमाए पैसों से चलता था लेकिन उन्होंने इन संघर्षों से कभी हार नहीं माना और लगातार अपने लक्ष्य की ओर बढ़ते रहें ।
अभिनेता का शुरुआती जीवन , शिक्षा और फिल्मी करियर-
अभिनेता अरशद वारसी का जन्म 19 अप्रैल 1968 को हुआ था । अभिनेता अरशद वारसी मुंबई के मुस्लिम परिवार से बिलॉन्ग करते है । अरशद की प्रारंभिक शिक्षा नासिक, महाराष्ट्र में हुई है । हालांकि दसवीं के बाद ही अभिनेता अरशद वारसी ने स्कूल छोड़ दिया था ।अभिनेता अरशद वारसी ने अपने अभिनय करियर की शुरुआत साल 1996 में आई फिल्म “तेरे मेरे सपने से” की थी । हालांकि फ़िल्म तेरे मेरे सपने को अभिनेता अमिताभ बच्चन के प्रोडक्शन हाउस एबीसीएल के बैनर तले बनाया गया, लेकिन ये फिल्म बॉक्स ऑफिस पर कुछ कमाल नहीं दिखा पाई थी । पहली फ़िल्म के फ्लॉप होने के बाद अभिनेता को काफी संघर्ष का सामना करना पड़ा था । अभिनेता अरशद वारसी के फ़िल्म के फ्लॉप होने के बाद अभिनेता को लंबे समय तक कोई काम नहीं मिला था । उन्होंने अपने जीवन में एक दौर ऐसा भी आया जब वह काम की तलाश में तीन साल तक भटकते रहे । इस मुश्किल समय में अभिनेता की पत्नी मारिया गोरेटी ने उनका साथ दिया था । इस बारे में खुद एक्टर अरशद वारसी ने अपनी फिल्म इरादा के प्रमोशन के दौरान बताया था । संघर्ष के दिनों में पत्नी मारिया नौकरी करती थी और उन्हीं की सैलरी से घर चलता था । दरअसल महज 14 साल की उम्र में मां बाप गुजर जाने के बाद पैसों की तंगी की वजह से सिर्फ 17 साल की उम्र में सेल्समैन का काम शुरू कर दिया। घर-घर जाकर कॉस्मेटिक्स बेचने लगे थे ।
अभिनेता अरशद वारसी का निजी जीवन –
एक्टर अरशद वारसी की पत्नी मारिया गोरेट्टी एक वीजे है । दोनों की मुलाकात अरशद की डांस एकेडमी में हुई थी । यह बात सन् 1991 की है अरशद उस वक्त एक डांस ग्रुप चलाते थे । उन्हें मुंबई के सेंट जेवियर कॉलेज में आयोजित मल्हार फेस्टिवल में बतौर जज आमंत्रित किया गया था । वहां उन्होंने सेंट एंड्रयू कॉलेज की प्यारी सी मुस्कान वाली छात्रा मारिया गोरेटीको देखा, जो कॉम्पटीशन में हिस्सा लेने आई थी । वहीं पहली नज़र में अरशद मारिया को अपना दिल दे बैठे थे । पहली ही नज़र में प्यार हो जाने के बाद अरशद ने मारिया को अपने डांस ग्रुप में शामिल होने का प्रस्ताव रखा था । इस तरह मारिया अरशद को असिस्ट करने लगी थी । दोनों की मुलाकात भी होने लगी इसी बहाने होने लगी थी । अभिनेता अरशद वारसी के मुताबिक मेरे दोस्तों ने कई बार मुझे कहा था कि मारिया तुमसे प्यार करती है, लेकिन अरशद वारसी जब भी खुद यह सवाल करते तो मारिया इनकार कर देती थी । वह अरशद वारसी को चाहती तो थी , लेकिन स्वीकार नहीं कर रही थी । अभिनेता अरशद वारसी ने एक इंटरव्यू में बताया था वो दोनों दुबई टूर पर गए थे, तब मैंने मारिया की कोल्ड ड्रिंक में बियर मिला दी थी । मारिया को नशा चढ़ गया और उसने मुझसे प्यार करने की बात खुद बोल दी थी । इसके बाद अभिनेता अरशद वारसी से शादी के लिए मारिया के पैरेंट्स तैयार नहीं थे, उन्हें लगता था फिल्मी दुनिया के लोगों की शादी टिकती नहीं है । लेकिन अभिनेता अरशद वारसी से मिलने के बाद उन्होंने इस शर्त पर रजामंदी दी कि शादी चर्च में होगी । जबकि अरशद का परिवार मुस्लिम रिवाजों से निकाह कराना चाहता था । आखिर दोनों ने तय किया कि वह वैलेंटाइन-डे के दिन शादी करेंगे और दोनों ने 14 फरवरी 1999 को ईसाई और मुस्लिम दोनों रीति रिवाज से शादी की थी । 20 साल की उम्र में अपने माता-पिता को खो चुके अभिनेता अरशद वारसी के लिए उनकी पत्नी मारिया सबसे बड़ा सपोर्ट सिस्टम रही है ।महज़ 20 साल की उम्र में मुंबई जैसे बड़े शहर में किसी लड़के के सर से उसके मां बाप का साया उठ जाना कितना दुख भरा होता होगा ये सोच पाना भी बेहद मुश्किल है । यह घटना किसी भी इंसान को उसके सपनों से दूर करने के लिए काफी है । लेकिन बॉलीवुड अभिनेता अरशद वारसी उन लोगों में से है , जिन्होंने अपनी मुश्किलों को ही अपनी ताकत में तब्दील कर लिया और अपने लिए एक नया मुकाम बनाया । अभिनेता अरशद वारसी को साल 2003 में आई फिल्म “मुन्ना भाई एमबीबीएस” से पहचान मिली लेकिन हिंदी सिनेमा में उनका सफर सालों पहले शुरू हुआ था । अपनी कॉमेडी से हंसाने वाले, गंभीर फिल्मों में गजब की अदाकारी से सबको हैरान कर दिया था । दरअसल, अभिनेता अरशद वारसी के फिल्मी करियर में राजकुमार हिरानी के निर्देशन में बनी फिल्म “मुन्नाभाई एमबीबीएस ” एक बड़ी टर्निंग प्वाइंट साबित हुई । इस फिल्म में उन्होंने “सर्किट” का किरदार निभाया था । अभिनेता संजय दत्त इस फिल्म में मुन्ना बने थे । फिल्म में मुन्ना और सर्किट की जोड़ी सुपरहिट रही और तब से अभिनेता अरशद वारसी ने फिर कभी वापस मुड़कर नहीं देखा । इस फिल्म के लिए अरशद को फिल्मफेयर में बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर के लिए नॉमिनेशन भी मिला था ।