अभी हाल में ही कश्मीरी पंडितो की फिल्म ने देश भर में सुर्खिया बटोरा, उस फिल्म में कश्मीरी पंडितो के नरसंघहार दिखाया गया है और फिल्म ने पूरी असलियत पूरे विश्व के सामने ला कर रख दिया है। इसके बाद ऐसा लगा था की देश के हिंदू मुस्लिम की शायद एकता बढ़े और विशेष समुदाय के लोग अब उस नफरत को भूल आगे बढ़ेंगे। लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं हुआ। एक बार फिर जम्मू कश्मीर की राजधानी श्रीनगर में आजादी आजादी , अल्लाहू अकबर और भारत विरोधी नारे लगाए गए। इतना ही नहीं , भीड़ ने मस्जिद में नारे लगाने के बाद मस्जिद के बाहर सुरक्षा में तैनात CRPF और जम्मू कश्मीर पुलिस के जवानों पर पथराव भी किया। जो अमूमन कश्मीर में होता आया है। सोशल मीडिया पर एक वीडियो जमकर वायरल हो रहा है जिसे खुद कश्मीर फाइल के डायरेक्टर विवेक रंजन अग्निहोत्री ने भी किया।
They can’t say ‘Raliv, Galiv, Tsaliv” (Convert, run or die) because there is nobody left to convert anymore. https://t.co/29YFd3V2wv
— Vivek Ranjan Agnihotri (@vivekagnihotri) April 8, 2022
इस वीडियो में मुस्लिमों को आजादी के नारों के साथ-साथ ‘नारा ए तकबीर-अल्लाहु अकबर’ के नारे लगाते सुना जा सकता है। वीडियो में नारेबाजी के दौरान भीड़ द्वारा आतंकी जाकिर मूसा का समर्थन करते हुए भी सुना जा सकता है। गजवात-ए-हिन्द का चीफ जाकिर एक खूंखार इस्लामिक आतंकवादी था जिसे मई 2019 में भारतीय सेना के जवानों ने एक मुठभेड़ के दौरान ढ़ेर कर दिया था। अब कश्मीर की स्थिति ऐसी है और सरकार कश्मीरी पंडितो को फिर से वहा बसाने को सोच रही है। बताया जाता है की जब कश्मीर में हिंदुओ का नरसंघार हो रहा था तब मस्जिदों से ऐलान हुआ था की काफिरों अपनी बहन बेटियों को छोड़ कर चले जाव। अब इसी से इनकी मानसिकता का पता लगा सकते है आप। आप को बता दे की अभी पिछले महीने ही CRPF के DG कुलदीप सिंह ने इस बात को माना था कि जब से जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाया गया है, तब से घाटी में पथराव की घटनाओं में कमी आई है। 16 मार्च 2022 को CRPF के 83वें स्थापना दिवस समारोह से पहले की गई DG परेड के मौके पर उन्होंने कहा था, “अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद पथराव की घटनाएँ लगभग शून्य हो गई हैं।” लेकिन शुक्रवार को जो घटना हुई उसे देख कर ये कहा जा सकता है की घाटी में अभी सब कुछ ठीक नहीं। कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद से सेना , अर्धसैनिक बलों और पुलिस के जवानों पर पथराव करने की घटना लगभग खत्म हो गयी थी। ऐसे में इस घटना ने एकबार फिर से स्थानीय प्रशासन के कान खड़े कर दिए हैं। और देश भर के लोग सरकार से प्रश्न कर रहे हैं।
अनुच्छेद 370 से मिली थी राहत
जैसा की सबको पता है की देश की सुरक्षा को देखते हुए 5 अगस्त 2019 को भारत सरकार ने एक झटके में जम्मू और कश्मीर को भारतीय संविधान के अनुच्छेद 370 के तहत दी गई अलग पहचान को खत्म कर दिया था। ये मोदी सरकार का दूसरा कार्यकाल शुरू ही हुआ था की इतना बड़ा डिसीजन लिया गया। ये बाते 2014 जीतने के बाद ही कहा जा रहा था लेकिन ये पूरा हुआ 2019 में। इसी के साथ राज्य को दशकों से चली आ रही नेहरूवादी भूल से मुक्त कर दिया गया जो की घाटी के लिए बहुत ही जरूरी था।
अनुच्छेद 370 को खत्म करने के साथ ही केंद्र सरकार ने जम्मू और कश्मीर राज्य को विभाजित करके दो नए केंद्र शासित प्रदेश भी बनाए, जिनमें से एक जम्मू और कश्मीर यानी विधानमंडल के साथ और लद्दाख यानी बिना विधानमंडल के अस्तित्व में आया। अब कश्मीर में इतने बदलाव के बाद भी इतना सबकुछ हो रहा ये बताने के लिए काफी है की आतंकवाद अपना कितना पाव पसार चुका है। ये इतना जल्दी नही सही होने वाला,जिस कश्मीर में लोगो को चिन्हित करके गोली मार दी जाती थी,जिस कश्मीर उसका धर्म देख कर रेप किया जाता था ये इंसानियत को शर्मसार करने वाली बात थी। लेकिन जब 370 हटाया गया तब सबको उम्मीद थी की घाटी में कुछ सुधार होगा और पूरे में एक संदेश जाएगा लेकिन ऐसा कुछ नही हुआ, हा पहले से ये सब कुछ कम जरूर हुआ है। 370 देश के लिए एक ऐसा धब्बा था जिसे हटाने की किसी की हिम्मत नही थी,पार्टियां आकर 370 पे लंबी चौड़ी भाषण तो देती थी लेकिन कोई हिम्मत नही जुटा पाता था लेकिन प्रधानमंत्री मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने हिम्मत दिखाई और 370 को खत्म कर दिया। ये देश की सुरक्षा को लेकर बहुत बड़ा कदम था भारत का क्योंकि भारत में जितने भी आतंकवादी आते है सब कश्मीर के रास्ते ही आते है या कश्मीर के लोगो को ही ब्रेन वाश करके आतंकी बना दिया जाता है। जिस मस्जिद को पाक माना जाता है वहा से ये बोलना की काफिरों अपनी बहन बेटियों को छोड़ कर चले जाव ये बहुत कुछ बताता है। भारत में एक गैंग रहती है जो भारत विरोधी तत्वों का खुल के समर्थन करती है वो गैंग अभी जो कश्मीर में हुआ उसको लेकर एकदम से चुप्पी साधी हुई है वो इंतजार में है की कोई गलती हिंदू धर्म वालो से हो की अपना मूह खोले। इन लोगो ने देश का हालात ऐसा बना रखा है की कई लोगो को तो अपने ही देश में डर लगने लगता है जबकि पत्थर राम नवमी के जुलूस पे पत्थर इन्ही लोग बरसाते है।