जम्मू-कश्मीर में अभी भी कश्मीरी पंडितो की हत्या रुकने का नाम नहीं ले रही है। “द कश्मीर फाइल” नामक मूवी ने कश्मीर की सारी सच्चाई निकाल कर रख दी फिर भी वहा आज भी कश्मीरी पंडितो का हाल वही है। पंडितो से उनका नाम पूछा जाता है और उन्हे मौत के नींद सुला दिया जाता है। अभी 2 दिन पहले की बात है जब राहुल भट नामक एक कश्मीरी हिन्दू को उसका नाम पूछ के उसे गोली मार दिया गया। आपको बता दे की आतंकियों ने जिस कश्मीरी हिंदू की हत्या की थी, उनकी पत्नी ने इस मामले में बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि राहुल भट के ठिकाने की जानकारी उनके ही ऑफिस से आतंकियों को मिली होगी। इसके बाद ही आतंकवादियों ने गुरुवार को बडगाम के चदूरा में एक युवा कश्मीरी हिंदू राहुल भट की हत्या की थी। उनकी पत्नी की बातो में कितना सच्चाई है ये तो जांच का विषय है लेकिन किसी को उसका नाम पूछ के गोली मारना ये बताता है की कश्मीर में पल रहे आतंकियों को सरण देने वाला भी भारतीय मुस्लमान है। क्योंकि किसी के नाम से पता करके गोली मारना तो यही बताता है। इस मामले में राहुल भट की पत्नी ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “वह कहते थे कि हर कोई उनके साथ अच्छे से पेश आता है औऱ कोई भी उन्हें नुकसान नहीं पहुँचा सकता। फिर भी किसी ने उन्हें नहीं बचाया। उन्होंने (आतंकियों) किसी से उनके बारे में पूछा होगा, अन्यथा उन्हें कैसे पता चलता?” ये शब्द उस लाचार बीवी के है जिसके पति को कश्मीरी पंडित होने की सजा मिली। भट की पत्नी ‘इंडिया टुडे’ से बात करते हुए खुलासा किया कि उनके पति राहुल खुद को काफी असुरक्षित महसूस कर रहे थे कुछ दिनों से और इसी के चलते वो डिस्ट्रिक्ट हेडक्वॉर्टर में अपना ट्रांसफर कराने की कोशिशें कर रहे थे। हालाँकि, कई बार कोशिशें करने के बाद भी उनके अनुरोधों को स्वीकार नहीं किया गया जिसको लेकर वो काफी परेशान भी थे। राहुल के पिता ने अपने बेटे की हत्या की जाँच की माँग की है, ताकि पूरी सच्चाई सबके सामने आ सके। राहुल भट के पिता ने कहा है कि, “पहले उन्होंने पूछा कि राहुल भट कौन है और फिर उसे गोली मार दी। वहाँ से केवल 100 फीट की दूरी पर पुलिस स्टेशन था। हम मामले की गहन जाँच की माँग करते हैं। ऑफिस में सुरक्षा जरूर रही होगी, लेकिन वहाँ कोई नहीं था। उन्हें सीसीटीवी फुटेज की जाँच करनी चाहिए।”
ये सब तब हो रहा है जब केंद्र में भाजपा की सरकार है जो कश्मीरी पंडितो के हक की बात करते हुए दिखती है। आज देश में शख्त जरूरत है पहले घर में बैठे नेवलों को ढूंढ कर सफाई करना फिर बाहर की बारी आती है। क्योंकि जो देश में गद्दार बैठे है वो ज्यादा घात कर रहे है । वही अंदर की खबरे बाहर वालो को दे रहे है। दिनदहाड़े ऐसे कई कश्मीरी पंडितो को मारा जाता होगा। बस किसी की खबर बन जाती है और किसी की नही बन पाती।
बॉलीवुड ने उठाई न्याय की मांग
अब बॉलीवुड के गलियारों से आवाज आने शुरू हो गई है राहुल भट के न्याय के लिए इसी कड़ी में अनुपम खेर ने सबसे पहले आवाज उठाई है। आपको बता दे की अनुपम खेर ने द कश्मीर फाइल में कश्मीरी पंडित का रोल भी निभाया है और वो खुद एक कश्मीरी पंडित है इसी लिए वो बहुत नजदीक से जानते है कश्मीरियों को। राहुल भट के समर्थन में उन्होंने ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने एक पवित्र जनेऊ पहने हुए एक व्यक्ति की रचनात्मक और शक्तिशाली तस्वीर शेयर की, जो खून से लथपथ है। इस पोस्ट के साथ उन्होंने राहुल भट के लिए न्याय की मांग की और टूटे हुए दिल का इमोटिकॉन भी लगाया। उन्होंने लिखा, “JusticeForRahulBhat”
#JusticeForRahulBhat 💔 pic.twitter.com/tGQi4kTK0X
— Anupam Kher (@AnupamPKher) May 14, 2022
उनके अलावा रवीना टंडन ने भी यही पोस्ट डाल कर न्याय की मांग की है।
#JusticeForRahulBhat pic.twitter.com/f4SmXCc4ww
— Raveena Tandon (@TandonRaveena) May 14, 2022
इस से पहले द कश्मीर फाइल के डायरेक्टर विवेक अग्निहोत्री ने भी न्याय की मांग की है और उन्होंने भी ट्वीट किया है। उन्होंने राहुल भट्ट के परिवार के लिए अपनी संवेदना और प्रार्थनाएं भी भेजीं। उन्होंने लिखा, “ओएमजी। आतंकवाद के इस बर्बर कृत्य के बारे में जानने के लिए अभी-अभी पूर्वाभ्यास से बाहर आया हूं। RahulBhat की हत्या कश्मीरी हिंदुओं के सबसे लंबे, निरंतर नरसंहार का प्रमाण है। अभी भी सदमे में है। परिवार के साथ मेरी प्रार्थना’’ इस पोस्ट पर फैंस के भी रिएक्शन मिल रहे हैं। लोगों ने दुख जताते हुए न्याय की मांग की है।
OMG. Just came out of rehearsal to learn about this barbaric act of terrorism. The killing of #RahulBhat is just a proof of the longest, continuous Genocide of Kashmiri Hindus. Still in a shock. My prayers with the family. ॐ शान्ति। pic.twitter.com/nNi91OAaXp
— Vivek Ranjan Agnihotri (@vivekagnihotri) May 12, 2022
राहुल भट के हत्या के बाद से कश्मीरी हिंदुओं द्वारा विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं जो की जायज भी है। सरकार को कश्मीरी पंडितो को घाटी भेजने से पहले उनकी सुरक्षा तय करनी चाहिए। खबर ये भी आ रही की प्रधानमंत्री के रोजगार पैकेज के तहत काम करने वाले करीब 350 सरकारी कर्मचारियों ने सामूहिक इस्तीफा दे दिया है। इन लोगों का कहना था कि राज्य सरकार उन्हें पर्याप्त सुरक्षा प्रदान नहीं कर सकता है तो वो क्यों नौकरी करे,वो अपनी जान नही गवाना चाहते, जिस तरह से कश्मीरी पंडितो को निशाना बनाया जा रहा है ऐसे में वे सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे हैं खुद को। आपको बता दे की राहुल भट्ट भी इसी योजना के तहत 2011 से घाटी में कार्यरत थे। वो और बडगाम में अपनी पत्नी और 7 साल की बेटी के साथ रहते थे। लेकिन उन्हें गोली मार कर मौत के घाट उतार दिया गया। अब सोचिए जरा की राहुल भट की बच्ची का क्या होगा जिसका सहारा खुद उसके पिता थे। आपको जानकर ताज्जुब होगा की राहुल भट के हत्या के विरोध में सैकड़ों हिंदू सड़कों पर उतरे और उन्होंने राष्ट्रीय राजमार्ग को जाम कर दिया। इन आंदोलनों में सरकारी कर्मचारियों और बडगाम में रहने वाले कश्मीरी हिंदुओं के परिवार भी शामिल हुए थे लेकिन वहां पर प्रशासन ने प्रदर्शनकारियों पर खूब लाठी भाजी और कइयों को चोट भी आई। आँसू गैस के गोले दागे गए ताकि प्रदर्शन को रोका जा सके,लेकिन वहा के हिंदू मानने को तैयार नहीं थे और वो वही पर डटे रहे। खबर ये भी आई की राहुल भट के हत्यारों को भारतीय सेना ने ढेर कर दिया। राहुल भट की हत्या करने वाले जैश-ए-मोहम्मद के 3 आतंकियों को शुक्रवार को ही इंडियन आर्मी ने ढेर कर दिया। आतंकियों के मारे जाने के बाद भी वहा के कश्मीरी हिंदू भय के साए में जीने को मजबूर हैं, क्योंकि सिर्फ उन्हें ही टारगेट कर के हमले किए जा रहे हैं। जहा के लोगो को उनका नाम पूछ कर उन्हे गोलियों से भून दिया जाएगा वहा के हिंदू तो डरेंगे ही। लेकिन इस बडगाम जिले में कश्मीरी हिंदुओं ने राहुल भट के सम्मान में एक कॉलोनी का नाम उनके नाम पर रख दिया है।