ओबीसी आरक्षण को लेके बुधवार को राज्यसभा में महत्वपूर्ण विधेयक को मंजूरी दे दी गई। संसद के उच्च सदन में मौजूद सभी 186 सांसदों ने इस बिल के पक्ष में अपना समर्थन दिया। मंगलवार को पहले ही इसे लोकसभा में मंजूरी मिल गई थी, अब इस बिल को राष्ट्रपति के समक्ष पेश किया जाएगा जिनके हस्ताक्षर के बाद यह कानून के तौर पर लागू हो जायेगा। सबसे बड़ी बात यह है की इस बिल को लेके पक्ष और विपक्ष में एकता दिखी और दोनो पक्षों ने इस बिल का समर्थन किया। अब राज्य सरकारो के पास ओबीसी कोटा में जातियों को जोड़ने का अधिकार होगा।
केंद्र सरकार ने संविधान के अनुच्छेद 342A, अनुच्छेद 338B और अनुच्छेद 366 में संशोधन का विधेयक संसद में पेश किया। जिसमें संविधान में 127वें संशोधन के बाद राज्यों को अन्य पिछड़ा वर्ग के दायरे में किसी जाति को शामिल करने का अधिकार मिल जाएगा।
ओबीसी को मिलेगा लाभ।
मेडिकल ही नहीं बल्कि फेलोशिप, विदेशों में पढ़ाई के लिए सुविधाएं मुहैया कराए जाने पर जोर देते हुए वीरेंद्र कुमार ने कहा कि इस विधेयक से ओबीसी के लोगों को काफी लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि सरकार महान समाज सुधारकों पेरियार, ज्योतिबा फुले, बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर, दीनदयाल उपाध्याय आदि द्वारा निर्धारित लक्ष्यों को पूरा करेगी। उन्होंने कहा कि सरकार समाज के अंतिम व्यक्ति के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है और ऐसे व्यक्ति का उत्थान नहीं होता है तो विकास अधूरा है।
अखिलेश यादव ने जताया विरोध।
अखिलेश यादव ने बीजेपी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा की ये अच्छा है की अब राज्य फैसला ले सकते है लेकिन अखिलेश यादव ने कहा की सरकार एक ही कमरे में सभी लोगो को बैठना चाहती है, उनका कहना है आरक्षण की 50 प्रतिशत की सीमा को बढ़ाया जाए और जातिगत जनगणना के आंकड़ों को जारी किया जाए. उन्होंने लोकसभा में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) से संबंधित ‘संविधान (127वां संशोधन) विधेयक, 2021’ पर चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि अगर उत्तर प्रदेश में उनकी सरकार बनती है तो वो जातिगत जनगणना कराएंगे। अखिलेश ने सरकार पर तंज कसते हुए कहा को आप जगह की वजह से ही सेंट्रल विस्टा बना रहे है लेकिन आरक्षण जोकि मूल मूल मुद्दा है उसे आप खिलवाड़ कर रहे ।यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश (Former Cm UP) ने कहा कि पिछड़ों, दलितों और देश को बीजेपी (BJP) ने सबसे ज्यादा गुमराह किया है. उन्होंने सत्तापक्ष की ओर इशारा करते हुए कहा, “यह सरकार न भूले कि उसे पिछड़ों ने यहां बैठने का मौका दिया।
ओवैसी ने भी साधा निशाना।
ओवैसी ने कहा नरेंद्र मोदी की सरकार डर रही है, ओवैसी ने कहा 50 प्रतिशत को क्रॉस करिए बोला “जब प्यार किया तो डरना क्या” तोड़ दीजिए 50 फीसदी को, ओवैसी ने कहा आप की मोहब्बत ओबीसी से नही है आपको सिर्फ उनके वोट से मतलब है। ओवैसी ने यहां तक कहा की सरकार को मुसलमानों से कोई मतलब नहीं है।
विपक्षी दलों ने दिया समर्थन।
जबकि वही दूसरी तरह बसपा, कांग्रेस व अन्य राजनैतिक दल ने इस बिल के लिए अपना पूर्ण समर्थन दिया है। विपक्षी दलों ने संसद में पेगासस और किसान बिल पर घेरा लेकिन ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर सभी ने एक सुर पर अपना समर्थन दिखाया है। बापपंथी पार्टी ने भी दिया अपना समर्थन सीपीआई सांसद बिनॉय विश्वम ने कहा की इस बिल का मै समर्थन करता हूं, ये अतिआवश्यक बिल है। वीपी सिंह की सरकार को गिराने का काम इसी बीजेपी के लोगों ने किया था और आज यहां सुशील मोदी वीपी सिंह के हवाले से मंडल में क्रेडिट लेना चाहते हैं। बीजेपी को सिर्फ़ झूठ बोलना आता है। ये तो मंडल के ख़िलाफ़ कमंडल ले कर आ गए थे। इन्होंने हिन्दू समाज को बांटने का काम किया है। और अब जनता को धोखा दे रहे हैं। मोदी सरकार दलितों की किलिंग कर रही है मैं बिल का सपोर्ट और सरकार की राजनीति का विरोध करता हूं। बीजेपी से सांसद हरनाथ सिंह यादव ने भी बिल के पक्ष में अपना समर्थन दिया बोला मैं बिल के पक्ष में खड़ा हूं। वही आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने भी बिल के पक्ष में अपना समर्थन रखा है लेकिन कहां बीजेपी के सरकार में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछड़ों की 18 हजार नौकरी खा ली।
कई जातियों को होगा फायदा।
इस संविधान संशोधन के बाद यूपी की राज्य सरकार 39 जातियों को ओबीसी लिस्ट में शामिल कर सकती है, जबकि इससे पहले ही यूपी में 79 जातियों को ओबीसी का दर्जा हासिल है। हालांकि ओबीसी आरक्षण के फायदे की बात की जाए तो केंद्रीय सूची में अभी ओबीसी के अंदर मौजूद 2700 जातियों में से सिर्फ 1000 जातियां ही आरक्षण का फायदा उठा पा रही हैं।