आखिरकार जिसका डर था वही हुआ। ऋषभ पंत और प्रवीण आमरे को सजा मिल ही गई। आईपीएल 2022 सीजन में दिल्ली कैपिटल्स टीम के कप्तान ऋषभ पंत को मैच के दौरान गुस्सा होने की सजा महंगी पड़ गई है और उन्हे इसकी सजा भी झेलनी होगी। आईपीएल ने ऋषभ को दोषी पाया है और आचार संहिता का उल्लंघन मानते हुए पंत पर जुर्माना लगाया है,जो की क्रिकेट के दृष्टिकोण से अच्छा है ताकि कोई वैसी गलती दुबारा फील्ड में ना करे। उनके साथ टीम के तेज गेंदबाजी ऑलराउंडर शार्दुल ठाकुर और असिस्टेंट कोच प्रवीण आमरे पर भी जुर्माना लगाया गया है। ये सजा इन खिलाड़ियों पर इस लिए भी जरूरी है ताकि दुबारा कोई ऐसी हिमाकत ना कर पाए। असल में मामला ये था की, शुक्रवार को दिल्ली कैपिटल्स और राजस्थान रॉयल्स के बीच मैच खेला गया था। जिसमें ऋषभ पंत की दिल्ली कैपीटल्स की टीम को 15 रनों से हार झेलनी पड़ी थी। ये मैच काफी विवादों को लेकर खड़ा हो गया था लेकिन अब जब सजा मिल गई है तो अब ये मामला शांत हो गया है। क्योंकि इसी मैच के आखिरी ओवर में नोबॉल विवाद हुआ था। इस दौरान ऋषभ पंत अपना आपा खो बैठे थे और उन्होंने ने गुस्से में अपने बल्लेबाजों को वापस बुलाने का इशारा कर दिया था,जिसको बड़े बड़े क्रिकेटर्स ने भी गलत बताया है। ऋषभ पंत एक गलती और कर बैठे की इशारे करने के बाद उन्होंने आमरे को भी मैदान पर भेज दिया जो बिल्कुल क्रिकेट के किताब में है ही नही। शार्दुल ठाकुर भी पीछे नहीं रहे थे इस मामले में उन्होंने भी अपने कप्तान ऋषभ पंत और कोच प्रवीण आमरे का साथ दिया। इसी को लेकर उन्हें आचार संहिता के उल्लंघन का दोषी पाया गया है और सजा उनको भी मिली।
पंत और ठाकुर पर ये लगा जुर्माना
ऋषभ पंत ने जो किया इस मैच में उसको देखकर ही लग गया था की उनपे जुर्माना लगना तय है लेकिन इतना बड़ा जुर्माना लगेगा किसी को पता नही था,पंत ने जो किया उसके लिए उनपर मैच फीस का 100% जुर्माना लगाया गया है।अच्छी बात ये रही है की ऋषभ पंत ने अपनी गलती को स्वीकार किया है। ऋषभ पंत ने मैच खत्म होने के बाद ही अपनी गलती स्वीकार कर ली थी जो अच्छी बात रही। वही ऋषभ और प्रवीण आमरे का साथ देने वाले शार्दुल ठाकुर पर मैच फीस का 50% जुर्माना लगाया गया है। अच्छी बात ये रही की ठाकुर ने भी अपनी गलती को माना। ऋषभ पंत को IPL आचार संहिता के लेवल-2 के तहत आर्टिकल 2.7 नियम के उल्लंघन का दोषी पाया गया जिसको लेकर उनको सजा मिली। जबकि शार्दुल को आईपीएल आचार सहिंता के लेवल-2 के तहत आर्टिकल 2.8 नियम के उल्लंघन का दोषी पाया गया जिसको लेकर उनकी सजा थोड़ी कम थी ऋषभ पंत के अपेक्षा। ये कोई पहली बार नही हो रहा है की किसी प्लेयर को इस प्रकार की सजा दी जा रही है बल्कि हमेशा ऐसा होता है जब खिलाड़ी क्रिकेट का नियम तोड़ता है तो उसे सजा भुगतना ही पड़ता है। स्मिथ और वार्नर तो कई साल क्रिकेट से दूर रहे थे क्रिकेट की सजा को लेकर।
कोच प्रवीण आमरे को भी मिली सजा
अंपायर से बहस करने और अपने खिलाड़ियों को वापस बुलाने के लिए मैदान में अंदर आने वाले दिल्ली टीम के असिस्टेंट कोच प्रवीण आमरे को कुछ ज्यादा ही सजा मिली है। चुकी सबसे बड़ी गलती भी उन्ही की थी जो वो सीधे मैदान पर चले गए। उन पर भी मैच फीस का 100% जुर्माना लगाया गया है।साथ ही साथ उन्हें अगले एक मैच के लिए बैन भी कर दिया गया है। जो की सबसे बड़ा जुर्माना है दिल्ली की टीम और खुद प्रवीणआमरे के लिए। आमरे को IPL आचार सहिंता के लेवल-2 के तहत आर्टिकल 2.2 नियम के उल्लंघन का दोषी पाया गया जिसके लिए उन्हें ये सजा मिली। खिलाड़ी तो खिलाड़ी अब सीनियर कोच भी अगर ऐसी गलती करते है तो वास्तव में उनको ऐसी सजा मिलनी ही चाहिए क्योंकि तब सजा और भी जरूरी हो जाता है जब टीम को चलाने वाला ही इतनी बड़ी गलती कर बैठे।
क्या था पूरा मामला
बटलर की धमाकेदार पारी के वजह से राजस्थान रॉयल्स ने 222 रनों का पहाड़ जैसा लक्ष्य खड़ा किया जिसको लेकर दिल्ली की टीम शुरू से ही दबाव में दिखी और शुरुआत ही दिल्ली की खराब रही। असली रोमांच तो आखरी ओवर का था जब दिल्ली की टीम को 36 रन बनाना था और जीत का कोई चांस नहीं था। यानी जीत के लिए हर बॉल पर छक्का चाहिए था दिल्ली की टीम को। आखिरी ओवर ओबेड मैकॉय ने किया, जबकि क्रीज पर रोवमैन पावेल और कुलदीप यादव मौजूद थे,और सबको ये लग चुका था की ये मैच दिल्ली के हाथ से निकल चुका है बस फिर क्या था, रोवमैन ने मैकॉय की शुरुआती 3 बॉल पर तीन लंबे छक्के मार कर ये जाता दिया की दिल्ली से दिल्ली दूर नहीं और वो ये मैच अभी भी जीत सकते हैं। लेकिन चौथी बाल नो बॉल आई और उसे अंपायर ने नो बॉल नही दिया यहीं तीसरी बॉल पर डगआउट में बैठे ऋषभ पंत ने विरोध करते हुए इसे कमर से ऊपर वाली नो-बॉल बताया, जबकि अंपायर ने ऐसा कोई फैसला नहीं दिया था। तभी अंपायर के फैसले से तिलमिलाए पंत ने दोनों बल्लेबाजों को वापस बुलाने का इशारा कर दिया,जो क्रिकेट की भाषा में बिल्कुल गलत था। दूसरी सबसे बड़ी गलती पंत की ये रही की उन्होंने बल्लेबाजों को वापस लाने के लिए आमरे को भी मैदान में भेज दिया जिसे देख कर सारे लोग चौक गए। ऐसा पिछले साल भी हुआ था और इसी राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ हुआ था जब खुद महेंद्र सिंह धोनी को फील्ड में जाना पड़ गया था। उस समय भी धोनी के ऊपर एक्शन लिया गया था और सभी ने गलत ठहराया था। लेकिन उन अंपायर को भी थोड़ा सोचना चाहिए जो हाई वोल्टेज मैच में गलत डिसीजन दे जाते है और उसकी भरपाई खिलाड़ियों को करना पड़ता है क्योंकि वो इस डिसीजन से अपना आपा खो बैठते है। इस पर भी आईपीएल मैनजमेट को सोचना चाहिए क्योंकि आज के समय में टेक्नोलॉजी से एक एक चीज देखी जा सकती है।