काबुल एयरपोर्ट पर बम धमाका होने की आशंका अमेरिका और फ्रांस ने लगभग 24 घंटे पहले ही जताई थी और एक एडवाइजरी जारी कर सभी नागरिको को काबुल एयरपोर्ट से दूरी बनाने को कहा था।
अफगानिस्तान के हालात दिन प्रति दिन बहुत ही ज्यादा ख़राब होते जा रहें है, तालिबान द्वारा काबुल को अपने कब्जे में लेने के बाद से ही हमे तरह तरह के भयावह वीडियो और तस्वीरें देखने को मिल रही है, वहाँ के लोग कैसे भी कर के बस अफगानिस्तान से बाहर निकलना चाह रहे है। अफगानिस्तान से सटे लगभग सभी देशों ने अपने बॉर्डर को बंद कर रखा है, और अब वहाँ के लोगो को अफगानिस्तान से बाहर निकलने का एकमात्र रास्ता काबुल का एयरपोर्ट ही है, पर अब ऐसा लग रहा है की काबुल एयरपोर्ट ही अफगानिस्तान का सबसे दहशत गर्द इलाका बन गया है, लगातार काबुल एयरपोर्ट पर बम ब्लास्ट हो रहे है जिसमे अब तक कई अमेरिकी सैनिको के साथ ही कई अफगान नागिरको की भी मारे जाने की खबर है, यहाँ तक कई बच्चो की भी मारे जाने की खबर सामने आ रही है जो की बहुत ही भयावह है।
ब्लास्ट के लगभग 24 घंटे पहले ही अमेरिका और फ़्रांस जैसे कई देशों ने अफ़ग़ानिस्तान के काबुल एयरपोर्ट पर सीरियल बम ब्लास्ट होने की चेतावनी दी थी और यह भी कहा था की एयरपोर्ट की सिक्योरिटी पर विशेष रूप से ध्यान दिया जाए हमला होने के पूरे आसार नजर आ रहे है पर आज के समय पर अफगानिस्तान की सत्ता तालिबान के कब्जे में है और तालिबान इस समय प्रेस कांफ्रेंस करने में व्यस्त है बता दें काबुल कब्जाने के बाद से ही तालिबान प्रेस कांफ्रेंस कर रहा है और दुनिया के सभी देशों से उनकी सरकार को मान्यता लेने का प्रयास करता आ रहा है और इस खबर के आने के बाद ही प्रेस कांफ्रेंस में तालिबान द्वारा कहा जाता है की हम कभी भी अफगानिस्तान में आतंकवादी हमला नहीं होने देंगे, हालाँकि जिसे पकिस्तान जैसे देश को छोड़कर पूरी दुनिया एक आतंकवादी संगठन मानती आ रही हो उनका यह कहना की हम अफगानिस्तान में हमला नहीं होने देंगे, कई लोगों को यह बात हजम नहीं हुई पर अब अफगानिस्तान की सत्ता का दावा तालिबान कर रहा है इस लिए प्रेस कांफ्रेंस में उनके द्वारा यह बात कही जाती है और उसके लगभग कुछ ही मिनट के बाद काबुल एयरपोर्ट के बाहर लगातार 2 ब्लास्ट हुए है, इस घटना के बाद तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्ला मुजाहिद ने बम धमाके में 52 लोगों के घायल होने की पुष्टि की है। भारत ने काबुल में हुए सीरियल बम धमाकों की कड़ी निंदा की है।
अफ़ग़ानिस्तान की इस स्थिति का कारण- जो बाइडेन ?
अफ़ग़ानिस्तान से जैसे ही जो बाइडेन ने अपने सैनिको को वापस लेने की बात कही वैसे ही अफ़ग़ानिस्तान की स्थिति नाजुक होती चली गई और आज वहाँ के हालात यह है की अफ़ग़ान नागरिक के साथ-साथ वहाँ पर फसें कई और देशों के नागरिक वहाँ से निकल नही पा रहे हैं, लोग जैसे तैसे कर के एयरपोर्ट तक पहुँच कर बस अफगानिस्तान को छोड़ना चाहते है। इन सभी गलतियों का जिम्मेदार जो बाइडेन को माना जा रहा है,साथ ही जो बाइडेन को एक ख़राब लीडर मान रहे उनके प्रतिद्वंदी डोनाल्ड ट्रम्प ने कई बार अफगानिस्तान में इस खराब हालत का जिम्मेदार जो बाइडेन और उनकी खराब नीतियों को माना है ,आपको बता दें की जिस कॉन्फिडेंस के साथ जो बाइडेन ने अपने इंटरव्यू में कहा था की तालिबान अफगानिस्तान पर कब्ज़ा नहीं कर सकता वह बात आज गलत ही नहीं बल्कि एकदम गलत के साथ- साथ भयावह भी दिखाई दे रहा है ,उस बड़ी भूल का अंजाम आज अफगान नागरिकों के साथ साथ कई अमेरिकीयों को भी चुकाना पड़ रहा है, अफ़ग़ानिस्तान में अभी भी कई अमेरिकी समेत कई और देशों के नागरिक भी फसें हुए है।
अब्बे गेट के पास हुआ हमला
अफगान मीडिया के मुताबिक पहले दोनों बम विस्फोट काबुल एयरपोर्ट के अब्बे गेट के पास हुए। पेंटागन द्वारा बताया गया है की यह हमला अफगानिस्तान में एक साल से अधिक के सबसे भीषण आतंकवादी हमलों में आई एस आई एस द्वारा काबुल हवाई अड्डे के बाहर किए गए हमले में 13 अमेरिकी सैनिक मारे गए और 18 अन्य घायल हो गए।
अमेरिका और फ़्रांस जैसे कई देशों ने दी थी हमले की चेतावनी
काबुल एयरपोर्ट के बाहर हुए इस बम विस्फोट से 24 घंटे पहले ही अमेरिका ने वहाँ पर आतंकी हमले की आशंका जताई थी, अमेरिका ने एडवाइजरी जारी कर अफगानिस्तान नें फंसे अपने सभी नागरिकों को जल्द से जल्द एयरपोर्ट से दूर होने को कहा था।
ISIS-K ने किया बम ब्लास्ट?
अमेरिकन मीडिया के मुताबिक यह एक सुसाइड बॉम्बर अटैक था, सूत्रों के मुताबिक माना जा रहा है की इस घटना को अंजाम ISIS-K आतंकी समूह ने दिया है। इस घटना के बाद ब्रिटेन ने हालात की समीक्षा के लिए सीनियर मंत्रियों और अफसरों की इमरजेंसी बैठक बुलाई है और नीदरलैंड ने अफगानिस्तान से अपने नागरिकों को निकालने के लिए चलाए जा रहे ऑपरेशन को फिलहाल अस्थाई रूप से रोक दिया है।
किसी भी अफगान नागरिक को अफ़ग़ानिस्तान नहीं छोड़ने दिया जाएगा – तालिबान
बता दें की कि हजारों की संख्या में अफगान नागरिक पिछले एक हफ्ते से बस अफ़ग़ानिस्तान को छोड़ कर कही और जाने की चाह में काबुल एयरपोर्ट के बाहर जमा हुए हैं, लेकिन वीजा और पासपोर्ट न होने की वजह से उन्हें एयरपोर्ट के अंदर एंट्री नहीं मिल पा रही है और अब वहीं तालिबान ने भी यह कह दिया है कि किसी भी अफगान नागरिक को देश नहीं छोड़ने दिया जाएगा और उन्हें वापस अपने घरों को लौटना होगा जिसमे की कई सिख और हिन्दू भी शामिल हैं जिन्हे भारत के वीसा होने पर भी अफगानिस्तान छोड़ कर नहीं जाने की अनुमति दी गई क्योंकि वो अब अफगानिस्तान के नागरिक हैं।