पिछले कुछ दिनों से अफगानिस्तान तालिबान के कब्जे में है। और अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में तालिबानियों के घुसते ही यहां चारो तरफ अफरातफरी का माहौल है। पूरे अफगानिस्तान से लोग काबुल एयरपोर्ट पहुंचना चाहते है। ताकि यहां से फ्लाइट पकड़ के किसी और देश जा सके। लेकिन इसी बीच तालिबानियों का एक नया फरमान आया की कोई भी अफगानी नागरिक देश छोड़ कर बाहर नहीं जा सकता। और अगर कोई अफगानी जाने को कोशिश करेगा तो उसे रोका जाएगा।
तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि उन्होंने एयरपोर्ट तक जाने वाली सड़कें ब्लॉक कर दी हैं। अफगान अब एयरपोर्ट तक नहीं जा पाएंगे। सिर्फ विदेशी नागरिकों को ही उस सड़क से एयरपोर्ट तक जाने की इजाजत होगी। मुजाहिद ने कहा कि बीते दिनों में जो भी अफगान नागरिक काबुल एयरपोर्ट पर जुटे हैं, उन्हें अपने घर लौट जाना चाहिए। उसने यह भी कहा कि ऐसे लोगों को तालिबान की तरफ से कोई सजा नहीं दी जाएगी। बता दें कि तालिबान ने अमेरिकी सेना को काबुल से निकलने के लिए 31 अगस्त तक का समय दिया है। इसके चलते काबुल एयरपोर्ट पर देश छोड़ने के लिए जुटने वालों की भीड़ लगातार बढ़ती जा रही है।तालिबान प्रवक्ता ने आगे कहा, “हम आगे अफगान नागरिकों को देश से बाहर ले जाने की इजाजत नहीं देंगे और हम इससे खुश भी नहीं हैं। अफगानिस्तान के डॉक्टरों और अकादमिकों को देश छोड़कर नहीं जाना चाहिए। उन्हें अपनी खूबियों वाले क्षेत्र में काम करना चाहिए।” बता दें कि बीते दिनों में अफगानिस्तान छोड़ने वाले ज्यादातर पढ़े-लिखे लोग हैं। इनमें सबसे बड़ी संख्या महिलाओं की है।
तालिबानियों ने अमेरिका को 31 अगस्त का दिया समय।
तालिबान प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने काबुल में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा है कि अमेरिका को हर हाल में 31 अगस्त तक देश छोड़ देना चाहिए। वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन का भी कहना है कि अमेरिका 31 अगस्त तक अफगानिस्तान से अपनी वापसी को पूरा करने के लिए तेजी से काम कर रहा है। रिपोर्टों के मुताबिक अमेरिकी सैनिकों को अफगानिस्तान में ISIS खोरासन से बढ़ते खतरों का भी सामना करना पड़ रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन का यह भी कहना है कि हम उन अफगानों का साथ नहीं छोड़ेंगे जिन्होंने संयुक्त राज्य अमेरिका की युद्ध के दौरान मदद की। इस बीच ह्यूमन राइट्स वॉच (HRW) का कहना है कि अफगानिस्तान से लोगों को निकालने के लिए और समय की जरूरत है और अमेरिका को उन अफगानियों की मदद करने की जरूरत है जो वहां से भागना चाहते हैं। अमेरिका वही 14 अगस्त से शुरू हुए ऑपरेशन के बाद अब तक कुल 82300 लोगो को अफगानिस्तान से बाहर निकाल चुका है, और वही बीते 24 घंटे में 19000 लोगो को बाहर निकला है।
तालिबान हथियारों का जखीरा पाकिस्तान भेज रहा।
अफगानिस्तान आर्मी को आधुनिक तकनीकी वाले हथियारों से लैस किया गया था जिसमे से ज्यादा तर हथियार अमेरिका के द्वारा दिया गया था। अब वो सारे हथियार तालिबानियों के हाथ लग गए है, देश के शीर्ष सैन्य अधिकारियों का मानना है कि लूटा गया अमेरिकी हथियारों का जखीरा भारत पहुंचे, इससे पहले वह पाकिस्तान को खून से रंग देगा। उनका कहना है कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी (ISI) के पाले हुए आतंकी संगठन पहले इन हथियारों का इस्तेमाल पाकिस्तान में हिंसा फैलाने के लिए करेंगे। फिर कहीं उनका भारत की तरफ रुख होगा। और वही वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों ने कहा की ये हथियार भारत में संचालित हो रहे आतंकी संगठनों को भी पहुंचाने की कोशिश की जायेगी। एक आकलन के मुताबिक, अमेरिकी फौज ने अफगानी फौज को 6.5 लाख छोटे हथियार दिए थे जिनमें एम-16 और एम-4 असॉल्ट राइफलें भी शामिल हैं। तालिबान ने अफगानी फौज से भारी मात्रा में संचार यंत्र भी लूट लिए हैं। इसके साथ ही, बुलेटप्रुफ औजार, अंधेरे में देख पाने में सक्षम चश्मे और स्निपर राइफलें भी तालिबानी आतंकियों के हाथ लगे हैं।
महिलाओं पर तालिबानियों का अत्याचार।
तालिबान के अफगानिस्तान पर कब्ज़ा करने के बाद देश के हालात इतने बुरे हो चुके हैं कि यहां के लोग देश छोड़कर कहीं भी भाग जाना चाहते हैं। जिन्हें ये मौका मिल रहा है वो अफगानिस्तान के ज़मीनी हालात बयां कर रहे हैं। वहां से भारत लौटी एक महिला ने तालिबान का खौफनाक सच बताया है। महिला का कहना है कि तालिबानी घर-घर जाकर 12 साल के ऊपर की लड़कियों को तलाश रहे हैं। वे मरी हुई लड़कियों को भी अपनी हवस का शिकार बना रहे हैं। जिस महिला ने ये हिला देने वाला सच बताया है, वो अफगानिस्तान की पुलिस सेवा में रह चुकी है। और वही लोगो के घरों के जबरन घुस के महिलाओं को शादी करने के लिए कह रहे। हॉली मैक्के (Hollie McKay) नाम की पत्रकार ने यह बातें अमेरिका के ‘मॉर्निंग डलास न्यूज’ में एक रिपोर्ट में कही हैं।