उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव 2022 को लेकर राजनीतिक दलों के बीच सत्ता में आने के लिए एक-दूसरे पर चुनावी दावपेंच खेले जा रहें है, सभी दल अपने-अपने पार्टी की गुणगान करते थकते नहीं नजर आ रहे है, आखिर उत्तर प्रदेश चुनाव है ऐसे में कोई भी पार्टी अपने आप को कमजोर नहीं दिखाना चाहेगी चुनावी शतरंज का खेल तो खेला ही जाएगा। ऐसे में सभी पार्टियां अपना पूरा दमखम दिखाने में जुट गई हैं। अगर बात करें समाजवादी पार्टी की तो अखिलेश यादव 2022 में साइकिल के लिए किसी से भी टकराने को तैयार हैं। हाल ही में अखिलेश ने ट्विटर पर एक ट्वीट किया है जिसपर बवाल मच गया है। इस ट्वीट के माध्यम से अखिलेश ने भाजपा पर सीधा निशाना साधा है।
पिछली सरकार को जिस प्रकार से भाजपा डबल इंजन की सरकार कह कर घेरती रही है ठीक उसी प्रकार से अब सपा के अखिलेश यादव भी भाजपा की डबल इंजन की सरकार पर निशाना साध रहे हैं , साथ ही दूसरे राजनीतिक दल बसपा और कांग्रेस ने भी भाजपा पर सीधा निशाना साधा है ,लेकिन इस बार सभी दल अलग अलग मोर्चे पर सरकार को घेरने के प्रयास में लगी हुई है, क्योंकि पिछले शुक्रवार को कांग्रेस ने विपक्ष को एकजुट करने की प्रयास किया था जिसम की कई दलों के नेता शामिल हुए थे लेकिन सपा और बसपा शामिल नहीं हुई थी, उन्होंने इससे दूर ही रहना ठीक समझा। इससे पहले भी सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कई बार कहा है की पिछले चुनाव में उनके हार का सबसे बड़ा योगदान गठबंधन का ही था तो जाहिर तौर पर अखिलेश यादव इस बार के विधानसभा चुनाव में बड़े राजनीतिक दलों से दूरी बनाना ही पसंद करेंगे। ऐसे में यह सवाल आता है की विपक्ष की लड़ाई ज्यादा भाजपा की डबल इंजन वाली सरकार से है या फिर खुद से
अखिलेश यादव ने ट्वीट कर भाजपा पर साधा निशाना
अखिलेश यादव ने ट्विटर पर एक ट्वीट करते हुए भाजपा पर निशाना साधा है , उन्होंने एक तस्वीर शेयर करते हुए लिखा है, ‘चल यार धक्का मार’ इस तस्वीर में उत्तर प्रदेश परिवहन की एक बस को कई लोग धक्का मारते दिखाई दे रहे है। उन्होंने लिखा की ‘भाई लोग देख कर धक्का मारना कही डबल इंजन पलट न जाए’।

उत्तर प्रदेश 2022 चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों का क्या है हाल
आखिर 2022 में होने वाली उत्तर प्रदेश की चुनावी जंग देश की सबसे बड़ी राजनीतिक जंग जो है, ऐसे में अखिलेश यादव के बयान बताते हैं की 2022 में साईकिल के लिए अखिलेश यादव किसी भी पार्टी से टकराने के लिए तैयार हैं, 2017 के चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डबल इंजन और डबल युवराज का नारा देकर सपा और कांग्रेस के गठबंधन की हवा निकाल दिया था तो वही अब अखिलेश यादव साढ़े चार साल बाद डबल इंजन की सरकार पर निशाना साधते नजर आ रहे है और साथ ही जहाँ एक तरफ वो यूपी में योगी सरकार पर निशाना साध रहे है तो साथ ही उनका निशाना केंद्र के मोदी सरकार पर भी है। बता दें की इस बार अखिलेश उत्तर प्रदेश में 400 सीट जीतने का नारा दिया है इसके लिए वो इस बार भाजपा के “सबका साथ सबका विकास” के मंत्र को अपनाते दिख रहे है , इस बार ब्राह्मणो के वोट के ऊपर पूरी नजर बनाए हुए है और साथ ही साथ पिछड़े जातियों को भी साथ लेकर आगे बढ़ते नजर आ रहे है। ऐसे में सपा चुनावी रणनीति में क्या कर पाएगी वो तो समय ही बताएगा , क्योकि बसपा भी प्रभुत्व सम्मलेन कर भाजपा को ब्राह्मण विरोधी सरकार बताने का पूरा प्रयास कर रही है। ऐसे में कांग्रेस पार्टी भी अपने लगभग खत्म हुए जनाधार को मजबूत करने क लिए ‘भाजपा छोड़ो’ और जय भारत महासम्पर्क जैसे अभियानों से अपने आप को मजबूत बनाने के पूरे प्रयास में लगी हुई है, वही दिल्ली में सोनिया गांधी ने 19 दलों के साथ बैठक कर सभी विपक्षी पार्टियों को एक जुट करने की कोशिश में लगी हुईं है, लेकिन बसपा और सपा इसमें शामिल ही नहीं हुए है।
विपक्ष की लड़ाई भाजपा से या खुद से ?
जिस प्रकार से सभी विपक्षी दलों में आपस में एकजुटता नजर नहीं आ रहा है ऐसे में सवाल ये सामने आ रहा है की क्या यूपी में विपक्ष बिना एकजुटता के भाजपा के खिलाफ मैदान में उतर पाएगा और उतर भी जाता है तो क्या वो भाजपा की इस डबल इंजन वाली सरकार से टक्कर ले पाएगा ? क्योकि ट्वीट करके या सम्मलेन करके उत्तर प्रदेश का चुनाव जीतना बहुत ही मुश्किल का काम लगता है क्योकि असली राजनीतिक लड़ाई तो जमीन पर होगी जब भाजपा भी अपनी पूरी तैयारी के साथ मैदान में उतरेगी क्योंकि विपक्ष अभी तक यह ही नहीं तय कर पा रहा है की उनकी लड़ाई भाजपा से है या खुद से। अखिलेश यादव भी ये सवाल कई बार बसपा और कांग्रेस से पूछ चुके है लेकिन इसका सही से जवाब न तो प्रियंका गांधी वाड्रा ने दिया और ना ही मायावती ने, ऐसे में देखना यह होगा की 2022 में यह राजनीतिक लड़ाई कैसी होती है।